Thursday, December 23, 2010

NiTiN G

में सिक्का नहीं हूँ ,
जो जेब से गिर कर ,
एक बार खनक कर रह जाउगा .....
में वो नन्हा सा बीज हूँ जो जमीन पर गिरा ,
तो एक दिन बड़ा पेड़ बन कर ,
तुम्हारी जिंदगी को चिलचिलाती हुई धुप से बचा कर,
अपनी छाव में बिताउगा
में दोस्ती का वो बीज हूँ .....
जो एक बार फल गया तो..
हर रिश्ते में जी कर दिकाउगा..

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